गर्मी
ये गर्मी क्या बात है
न कोई तिनका हरा
न पंछी की आवाज़
सुबह तो मंद बहार मिले
फिर वही तपा देती है,
पेड़ पौधे सूखने लगते है ,
बूँद बूँद को तरसते लोग
क्या गर्मी है
सभी परेशान है
किसान पसीना बहा कर
अपने खेत में काम कर रहे है
पर गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है
सभी प्यासे है पानी के लिए
धरती भी बंजर नज़र आ रही है
ये गर्मी क्या बात है
न कोई तिनका हरा
न पंछी की आवाज़
सुबह तो मंद बहार मिले
फिर वही तपा देती है,
पेड़ पौधे सूखने लगते है ,
बूँद बूँद को तरसते लोग
क्या गर्मी है
सभी परेशान है
किसान पसीना बहा कर
अपने खेत में काम कर रहे है
पर गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है
सभी प्यासे है पानी के लिए
धरती भी बंजर नज़र आ रही है
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सादर