बर्फ की जिंदगी
बर्फ की जिंदगी कितनी कठिन होती है हर समय पत्थर बने रहना, धूप की जब किरणे परी तो पिघलना शुरू हो गया बर्फ से मिलती जिंदगी है रिश्ते जिनको हम बर्फ की तरह कठोर बना देते है हम अपनी मै में खो जाते है कोई भी बड़ा अपनी धूप रुपी बुद्धि देना भी चाहे, तो हम लेना नहीं चाहते क्यों? क्योकि हम बर्फ की तरह कठोर हो जाते है तो हमें सबकी बात खराब लगती है रिश्ते पूछते है की क्या हम इसी तरह जमे रहेंगे ? क्या कोई गर्मी इन रिश्तो पिघला पायेगी हर घर में बर्फ जमी है कोई नहीं चाहता की सूरज की रौशनी पड़े और रिश्तो पर पड़ी बर्फ पिघलने लगे -गरिमा