होली का त्यौहार है
कितना प्यारा, सब
तरफ है रंगों का उजियारा
हरे, गुलाबी, नीले, पीले
हर रंग की  है अदा  निराली 
जैसे कह रहा कोई कहानी
हर कोई है मस्ती में
डूब  जाना चाहता है
रंगों की मस्ती में
प्यार की बहार है
होली का त्यौहार है
गुझियो की बहार है
रंगों की बौछार है
नफरत का कोई न रंग है
सब एक दूसरे के साथ मगन है  
ठंडाई का संग है
नाचने का उमंग है
होली के संग है



टिप्पणियाँ

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…
बहुत ही बढ़िया।

सादर
ajay ने कहा…
बहुत अच्छा लिखते है आप..मुझे पसंद आया......

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्वप्न बिकते है

मुझे जाने दो

राखी का बंधन