नदी
नदी बहती है
दो किनारे को
नहीं छू पाते दोनों किनारे
बहते रहते है,
नदी का काम है बहना
शांत तरीके से
नदी और जीवन कितनी सामान है
जीवन भी इसी तरह बहता है
कितने भी तूफ़ान आ जाये
बस लड़ता रहता है
जैसे नदी में तूफ़ान आ जाते है
फिर भी वो बहती रहती है
तूफानों से लड़कर
उसी तरह जिन्दगी है
हर तूफ़ान का सामना करती है
हिम्मत नहीं हारती है
नदी से सीखना होगा हमें
की हिम्मत नहीं हराना कभी
चाहे जो भी हो जाये
नदी की तरह शांत से बहते रहना है
टिप्पणियाँ
यही विशे्षता तो आपकी अलग से पहचान बनाती है....गरिमा जी !